नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली और केंद्र सरकार के अधिकार विवाद पर सुनवाई करेगा. पिछले साल दिसंबर में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है. इसलिए यहाँ एलजी की मंजूरी के बिना बड़े फैसले नहीं लिए जा सकते. दिल्ली सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. 12 दिसंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई विस्तृत तरीके से होनी चाहिए.
पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से दलील गई है कि कुछ नई अर्जियां दाखिल की गई हैं जो इसी मामले से संबंधित हैं. इस पर तुरंत सुनवाई को जरूरत है और गुहार लगाते हुए कहा कि अगली तारीख कल यानी मंगलवार को ही रख लिया जाए. लेकिन अदालत ने उसकी मांग को खारिज कर दिया और 12 दिसंबर को आने के लिए कहा. इस पर केंद्र सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी सहमत थे. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर किसी वजह से मामले की सुनवाई 12 को नहीं हो पाती है तो अदालत 13 दिसंबर को सुनवाई करेगी.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल नजीब जंग को राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासनिक प्रमुख घोषित करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उप राज्यपाल नजीब जंग को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख घोषित किया है. इससे पहले भी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच कई मुद्दों पर आमना-सामना हो चुका है. खासकर अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर.
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बता दें कि सत्ता में आने के बाद से ही केजरीवाल का एलजी और केंद्र से कई मसलों पर विवाद होता रहा है. इसमें जमीन और पुलिस खासतौर पर हैं, जहां पर दोनों कई बार जमकर टकराव हुआ है. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है यानी पुलिस और जमीन जैसे अहम विभाग केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाते हैं.