अबु धाबी के क्राउन प्रिंस नायहान के दौरे से भारत को क्या फायदा हुआ ? जानिए 10 बड़ी बातें

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच ऑइल रिजर्व तैयार करने को लेकर अहम करार हुआ है. भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से ये करार काफी अहम है. इस करार के तहत भारत की कुल पेट्रोलियम जरूरत का छठा हिस्सा ऑइल रिजर्व में उपलब्ध रखा रहेगा.

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अबु धाबी के क्राउन प्रिंस नायहान के दौरे से भारत को क्या फायदा हुआ ? जानिए 10 बड़ी बातें

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  • January 26, 2017 4:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच ऑइल रिजर्व तैयार करने को लेकर अहम करार हुआ है. भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से ये करार काफी अहम है. इस करार के तहत भारत की कुल पेट्रोलियम जरूरत का छठा हिस्सा ऑइल रिजर्व में उपलब्ध रखा रहेगा. पढ़ें, UAE की साझेदारी में यह ऑइल रिजर्व कैसा होगा..
 
 
1. भारत सरकार की UAE के साथ हुई इस डील में कर्नाटक के मंगलुरु की अंडरग्राउंड क्रूड ऑइल स्टोरेज फैसिलिटी के आधे हिस्से को भरने की अनुमति पर डील हुई.
 
 
2. यह डील भारत सरकार रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व सिस्टम का हिस्सा है. इस सिस्टम के तहत 36.87 मिलियन बैरल कच्चे तेल को स्टोर किया जा सकेगा. जो देश की औसत दैनिक तेल की मांग है. इसे आपातकालीन स्थिति में 10 दिन तक देश की औसत तेल की आपूर्ति कर सकते हैं.
 
 
3. UAE की अबु धाबी नैशनल ऑइल कंपनी (ADNOC) मंगलुरु में 6 मिलियन बैरल ऑइल को स्टोर करेगी. इस साइट पर कुल स्टोरेज की क्षमता का यह आधा हिस्सा होगा.
 
 
4. अबु धाबी नैशनल ऑइल कंपनी (ADNOC) और इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के बीच भारत में तेल के स्टोरेज और मैनेजमेंट को लेकर यह दूसरा करार हुआ है. 2017 के अंतिम तिमाही में ADNOC से कच्चे तेल की आपूर्ति  शुरू कर दी जाएगी.
 
 
5. तीन साल पहले ही भारत सरकार ने अपनी रणनीतिक तेल स्टोरेज क्षमता का एक हिस्सा दुबई की इस कंपनी को लीज पर देने के लिए वार्ती की शुरुआत की थी. साल 2014 में भारत किसी आपातकालीन स्थिति के मामले में स्टोरेज कच्चे तेल के लिए पहला अधिकार दिया गया था.
 
 
6. देश की अर्थव्यवस्था की रक्षा और मदद के लिए आपात स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए यह करार बेहद महत्वपूर्ण है. इन क्रूड ऑइल इन्वेंट्रीज को किसी देश की सरकार या फिर प्राइवेट इंडस्ट्री के द्वारा भी आयोजित किया जा सकता है.
 
 
7. ईरान की मदद से भारत पहले ही मंगलुरु की ऑइल स्टोरेज फैसिलिटी के आधे हिस्से में 6 मिलियन बैरल क्रू़ड ऑइल रिजर्व कर चुका है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भी 7.55 मिलियन बैरल और ऐसी ही तीसरी यूनिट कर्नाटक के पाडुरण में 18.3 मिलियन बैरल क्रूड ऑइल स्टोर किए जाने की क्षमता है.
 
8. अमेरिका के ऊर्जा सूचना प्रशासन के अनुसार दुनिया भर के देशों ने स्ट्रैटेजिक ऑइल रिजर्व में 4.1 अरब बैरल क्रूड ऑइल रिजर्व कर रखा है. इनमें से 1.4 अरब बैरल पर सरकार का नियंत्रण है, जबकि बाकी हिस्से का प्राइवेट इंडस्ट्री  द्वारा आयोजित किया जाता है.
 
 
9. अमेरिका के पास दुनिया में सबसे अधिक 727 मिलियन बैरल का पेट्रोलियम रिजर्व है. जो पूरी तरह से भरा है. इससे वह आपात स्थितियों में 60 दिनों तक देश में तेल की जरूरतों को पूरी कर सकता है.
 
10 चीनी सरकार के नियंत्रण में स्ट्रैटेजिक ऑइल रिजर्व तैयार किया हुआ है. चीन की योजना है कि वह साल 2020 तक 90 दिनों तक का ऑइल रिजर्व रखने की योजना है.

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