नई दिल्ली : आज 68वां गणतंत्र दिवस है, पूरा देश आज जश्न में डूबा हुआ है. दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की सैन्य ताकत के साथ-साथ देश की संस्कृति और विकास की झलक भी देखने को मिली.
तेजस और धनुष ने दिखाया दम
राजपथ पर स्वेदश निर्मित तीन तेजस विमान ने अपना जलवा बिखेरा. इन विमानों ने 300 मीटर की ऊंचाई पर 780 किमी की रफ्तार से उड़ान भरी, यह नजारा देखने लायक था, विमानों के उड़ते वक्त पूरा देश गौरवांवित महसूस कर रहा था. बता दें कि तेजस पहली बार परेड में शामिल हुआ.
वहीं आज धनुष तोप ने भी सबका दिल जीत लिया. कानपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी धनुष तोप पहली बार परेड में शामिल हुई, इसे देखते ही देश हर कोई गर्व महसूस कर रहा था.
इन झांकियों ने भी जीता दिल
केवल धनुष तोप और तेजस ने ही सबका दिल नहीं जीता, बल्कि जितनी भी झांकियां प्रदर्शित की गई, सब एक से बढ़कर एक थीं. बाइक पर देश के वीर जवानों ने काफी हैरान करने वाले करतब दिखाए. एक मोटरसाइकिल में ही आठ जवानों ने बेहद ही रोमांचक प्रदर्शन किया.
कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस के मोटरसाइकिल सवार दस्ते ने कमल के आकार में प्रदर्शन किया. इसके अलावा 3 बाइक पर 16 जवानों की एयर क्राफ्ट आकृति ने सबका दिल जीत लिया.
सुखोई-30 विमानों ने, 5 मिग-29 विमानों ने भी परेड में हिस्सा लिया. एक सी-17 और दो सुखोई विमानों ने ग्लोब फॉरमेशन बनाकर करतब दिखाया. साथ ही पांच जगुआर विमानों ने एरोहेड फॉरमेशन बनाया.
NSG कमांडों ने भी लिया परेड में हिस्सा
वहीं इस बार की परेड में 32 सालों में पहली बार NSG के कमांडो ने हिस्सा लिया. बता दें कि एनएसजी का गठन साल 1984 में हुआ था, एनएसजी कमांडोज ने ही मुंबई हमलों में 9 पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था.
इस बार परेड में राज्यों और मंत्रालयों की कुल 23 झांकियां शामिल हुईं. तीन झाकियां थल सेना, वायुसेना और नौसेना की थीं. इस बार सबसे खास यह था कि कैशलेस ट्रांजेक्शन की भी झांकी निकाली गई.
‘हंगपन दादा’ को अशोक चक्र
कश्मीर के कुपवाड़ा में 27 मई को करीब 12500 फीट पर मुठभेड़ में अकेले ही तीन दुर्दांत आतंकियों को ढ़ेर करने वाले शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. 68 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी वाइफ चासेन लोवांग दादा को यह सम्मान दिया.
इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में यूएई के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान शामिल हुए. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजपथ पहुंचने के बाद तिरंगा झंडा फहराया गया और फिर राष्ट्रगान हुआ. पीएम मोदी ने सबसे पहले अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी.