3 आतंकियों को अकेले ही ढ़ेर करने वाले शहीद हवलदार ‘हंगपन दादा’ को अशोक चक्र

नई दिल्ली : कश्मीर के कुपवाड़ा में 27 मई को करीब 12500 फीट पर मुठभेड़ में अकेले ही तीन दुर्दांत आतंकियों को ढ़ेर करने वाले शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. 68 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी वाइफ चासेन लोवांग दादा को यह […]

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3 आतंकियों को अकेले ही ढ़ेर करने वाले शहीद हवलदार ‘हंगपन दादा’ को अशोक चक्र

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  • January 26, 2017 6:36 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : कश्मीर के कुपवाड़ा में 27 मई को करीब 12500 फीट पर मुठभेड़ में अकेले ही तीन दुर्दांत आतंकियों को ढ़ेर करने वाले शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. 68 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी वाइफ चासेन लोवांग दादा को यह सम्मान दिया. 
 
 
बता दें कि अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है. इसे परमवीर चक्र के बराबर माना जाता है. हंगपन दादा ने उत्तरी कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब 13 हजार फुट की उंचाई पर छुपे तीन घुसपैठियों को अकेले ही मार गिराया था. हालांकि इसी मुठभेड़ में उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी.
 
 
अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव के रहने वाले हवलदार हंगपन अपनी टीम में ‘दादा’ के नाम से जाने जाते थे. वह पिछले साल हाई माउंटेन रेंज में तैनात थे. दादा 1997 में आर्मी की असम रेजीमेंट के जरिए आर्मी में शामिल हुए थे. बाद में 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किए गए.
 
 

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