नई दिल्ली: 68वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश को संबोधित किया. उन्होंने का कि हमारे लोकतंत्र की मजबूती यह है कि 2014 के आम चुनाव में 66% से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया. उन्होंने पिछले दिनों देश में छिड़ी नोटबंदी की मुहीम का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि इससे अर्थव्यवस्था जरूर थोड़ी नीचे आई है लेकिन इस फैसले से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन की शुरूआत उन वीर सैनिकों और सुरक्षा जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए की जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान गवां दी. उन्होंने कहा कि मातृभूमि के सेवा के लिए हमसे जो कुछ हो सके वो हमें करना चाहिए और अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए. राष्ट्रपति ने देश में गरीबी और गरीबी रेखा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक 10 प्रतिशत से उपर रहना होगा.
उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि हर आंख से आंसू पोछने का गांधी जी का सपना अभी पूरा नहीं हुआ है. खाद्य सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि हमें अपने लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए और परिश्रम करना होगा.