नई दिल्ली: रामायण काल में जिस संजीवनी बूटी से भगवान लक्ष्मण की जान बची थी, सरकार ने अब उस संजीवनी बूटी को ढूंढने की कवायद शुरु कर दी है. उत्तराखंड के द्रोणगिरी पर्वत पर संजीवनी की तलाश की जाएगी. इसके लिए विशेषज्ञों की टीम द्रोणगिरी भी जाएगी.
ये तलाशी मई महीने में शुरु की जाएगी, क्योंकि मई तक द्रोणगिरी पर जमी बर्फ पिघल जाएगी. संजीवनी की तलाश के लिए आयुष मंत्रालय ने प्रशासन को 20 लाख का प्रस्ताव भेजा है. पिछले साल भी मंत्रालय ने ऐसा ही प्रस्ताव भेजा था. लेकिन फंड जारी नहीं होने की वजह से विशेषज्ञों की टीम द्रोणागिरी पर्वत नहीं जा सकी थी.
दरअसल रामायण में जिस संजीवनी बूटी का ज़िक्र हुआ है उसके चमत्कारी असर का पता चलने के बाद कई देसी और विदेशी कंपनियां भी इसकी तलाश कर रही हैं. कुछ सरकारी और निजी एजेंसियों ने भी इसे लेकर प्रोजेक्ट शुरु किए हैं. उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के वैज्ञानिक भी द्रोणागिरी और आसपास के इलाकों में जड़ी-बूटियों की छानबीन कर रहे हैं.