नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम
अरविंद केजरीवाल ने
चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर विवादस्पद सुझाव दिया है. उन्होंने ‘वोट के बदले
रिश्वत लेने के लिए प्रोत्साहित करने’ के मामले में आयोग के समक्ष चिट्ठी के जरिए अपना पक्ष रखा है. उन्होंने चिट्ठी में खुद को आयोग का ब्रांड एम्बेसेडर बनाने की सलाह दी है.
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि उनका बयान रिश्वतखोरी को बढ़ावा नहीं देता. वह और उनकी पार्टी तो रिश्वतखोरी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.
रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने का आरोप निराधार
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘मुझे
चुनाव आयोग का नोटिस मिला, जिसमें मुझ पर आरोप लगाया गया है कि मैंने लोगों को वोट के बदले रिश्वत लेने के लिए प्रोत्साहित किया है. यह आरोप निराधार है. हकीकत यह है कि मैं तो रिश्वतखोरी को खत्म करने की कोशिश कर रहा हूं.’
केजरीवाल ने आगे लिखा, ‘चुनाव आयोग पिछले 70 सालों से चुनाव में पैसे के चलन को रोकने की कोशिश कर रहा है. उसके बावजूद, चुनावों में पैसे का चलन रुकने की बजाए बढ़ा है… यदि मेरे बयान को चुनाव आयोग अपना ले और इसका खूब प्रचार करे कि जो पैसा दे, उसको वोट मत दो… तो दो साल में पार्टियां पैसा बांटना बंद कर देंगी.’
चुनाव आयोग ने लगाई फटकार
उन्होंने चुनाव आयोग को खुद को ब्रांड एम्बेसेडर बनाने की सलाह भी दी. केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे तो चुनाव आयोग को अपना ब्रांड एम्बेसेडर बना लेना चाहिए. देखिए दो सालों में पाटियां पैसा बांटना बंद कर देंगी.’
बता दें कि केजरीवाल कई बार ये बयान दे चुके हैं कि लोग दूसरी पार्टियों से पैसे तो लें लेकिन वोट उन्हीं की पार्टी को दें. शनिवार को चुनाव आयोग ने उन्हें गोवा की एक चुनावी सभा में पैसे लेने संबंधी बयान देने को लेकर फटकार भी लगाई थी.