नई दिल्ली : पीएम
नरेंद्र मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने के मामले में
दिल्ली विश्वविद्यालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (
सीआईसी) के आदेश को दिल्ली
हाईकोर्ट में चुनौती दी है. विवि की दलील है कि किसी भी छात्र के दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए जा सकते क्योंकि ये विवि और छात्र के बीच निजी दस्तावेज होते हैं.
हाईकोर्ट ने सीआईसी के विवि को दिए आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है और याचिकाकर्ता नीरज कुमार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. अब मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.
बता दें कि नीरज कुमार ने सूचना के आदेश के तहत पीएम मोदी की डिग्री से जुड़ी जानकारी मांगी थी. उन्होंने वर्ष 1978 में बीए की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या, नाम, पिता के नाम, उनके परीक्षा परिणाम, और क्रमांक की सूचनाएं मांगी थीं. इसी साल में पीएम मोदी ने भी बीए की परीक्षा दी थी.
सीआईसी ने विवि को दिए थे आदेश
दिल्ली विश्वविद्यालय ने सूचनाएं देने से इंकार कर दिया था. विवि के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया था कि मांगी गई सूचनाएं संबंधित विद्यार्थियों की निजी सूचनाएं हैं. इस जानकारी का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई नाता नहीं है.
हालांकि, सीआईसी ने इस तर्क को खारिज कर दिया था और विवि को सभी सूचनाएं देने तथा इनसे संबंधित रजिस्टर के पेज की प्रमाणित प्रति मुफ्त में उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.