नई दिल्ली: महाभारत में भगवान के उस सुदर्शन चक्र के बारे में तो आपने सुना ही होगा.जिससे उन्होंने पापियों का नाश किया था.कृष्ण भगवान का ये चक्र पापियों को खत्म कर उनके पास फिर से लौट आया करता था.लेकिन हज़ारों बरस बात ऐसा ही सुदर्शन चक्र पीएम मोदी को मिलने वाला है.
जिससे हज़ारों किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को तबाह किया जा सकेगा.इस ख़बर ने हमारे पड़ोसी मुल्कों की नींद उड़ा दी है. आखिर क्या है मोदी का सुदर्शन चक्र. सबकुछ ठीक रहा तो भारत अपने दुश्मनों का सर्वनाश इसी तरह से करेगा. फिर दुश्मन सरहद के इस पार हो या फिर सरहद के उस पार. क्योंकि पीएम मोदी को भगवान कृष्ण की तरह ऐसी शक्ति मिलने जा रही है.
जिसके वार से बार-बार दुश्मनों को खत्म किया जायेगा. हज़ारों किमी दूर बैठकर इस हथियार से हमला किया जायेगा और हथियार सुदर्शन चक्र की तरह दुश्मन को तबाह कर वापस अपने बेस पर लौट आएगा.अब समझिए. भारत में एक ऐसी मिसाइल बनने जा रही है जो ठीक सुदर्शन चक्र की तरह ही दुश्मन पर वार कर वापस लौट आएगी और महज चंद मिनटों के भीतर ही दोबारा दुश्मन के संहार के लिए तैयार हो जाएगी.
आज के जमाने में इस तकनीक को हाइपरसॉनिक रीयुजेबल मिसाइल कहा जाता है. जो बहुत जल्द भारत को मिलने वाली है. दरअसल ये तकनीक अभी दुनिया के किसी भी मुल्क के पास नहीं है और भारत में इसपर काम शुरू भी हो गया है. 21वीं सदी का ये सुदर्शन चक्र है क्या और कैसे ये मुल्क के दुश्मनों पर काल बनकर टूटेगा अब ये समझिए.
भारत अपने बेस से मिसाइल को दुश्मन के ठिकाने पर दागेगा..हज़ारों किमी दूर मिसाइल से वारहेड को दुश्मन के अड्डे पर गिरा दिया जायेगा.और मिसाइल वापस अपने बेस पर लौट आयेगा.इसके बाद फिर से मिसाइल में वारहेड लोड किया जायेगा.और दोबारा हमले के लिए लांच कर दिया जायेगा.
इस तरह एक ही मिसाइल से कई बार हमले किये जा सकेंगे.इस मिसाइल की रफ्तार इतनी ज्यादा है कि दुश्मन को सोचने तक का वक्त नहीं मिलेगा. बुमरेंग नाम की इस मिसाइल की रफ्तार 10 मैक यानी करीब 12250 किमी प्रति घंटे की है.
मिसाइल की रफ्तार से अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं की दुश्मन को मिनटों में तबाह किया जा सकेगा. वैसे इस तकनीक को भारत ब्रह्मोस मिसाइल में इस्तेमाल करेगा.वही ब्रह्मोस मिसाइल जिसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है.और खरीदने के लिए कतार में खड़ी है.