नई दिल्ली: आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने
सेना के एक जवान का 26 साल पुराना कोर्ट मार्शल रद्द करते हुए.
रक्षा मंत्रालय पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.
मैनपुरी के रहने वाले एसएस चौहान भारतीय सेना की छठी राजपूत बटालियन में सैकंड लेफ्टिनेंट थे. 1991 में उन पर कई आरोप लगा कर कोर्ट मार्शल कर दिया गया था. वह उस दौरान
कश्मीर में पोस्टेड थे.
19 जनवरी को जस्टिस डीपी सिंह और एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने चौहान का कोर्ट मार्शल खारिज कर दिया और रक्षा मंत्रालय से उन्हें फिर से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर नियुक्त करते हुए प्रमोशनल सुविधाएं जैसे सैलेरी, पेंशन देने का आदेश दिया.
आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय कोचार महीने के भीतर चार करोड़ रुपये चौहान को और एक करोड़ रुपये आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में जमा कराने को कहा.
गौरतलब है कि चौहान ने अपनी टीम के साथ 11 अप्रैल 1990 को श्रीनगर में
सर्च ऑपरेशन के दौरान 27.5 किलो के 147
सोने के बिस्किट बरामद किए थे. जिसके बाद उन पर कुछ सोने के बिस्किट गायब करने का आरोप लगाया गया था.