नई दिल्ली: अब अगर आपको सस्ता खाना खाना है तो वो दिल्ली में फिलहाल एक ही जगह मिलेगा. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने लोक नारायण जय प्रकाश अस्पताल में कैंटीन शुरु की है. जहां 10 रुपए में लोगों दोपहर का खाना खा सकते है.
दिल्ली सरकार की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु की गई ये कैंटीन फिलहाल दोपहर के भोजन ही उपलब्ध करवा रही है. यहां मरिज के परिजन, अस्पताल स्टॉफ और बाहर से आने वाले लोगों को 10 रुपए में दो रोटी, चावल, दाल और सब्जी की थाली ही मिलेगी.
अस्तपताल में एक प्रोडक्शन रुम है, जहां सब्ज़ियों की कटाई छटाई होती है. नए मशीनों का इस्तेमाल कर आटा को साना जाता है फिर मशीन के ज़रिए रोटी बनायी जाती है. एक टाइम में कई रोटियां तैयार कर ली जाती हैं. साथ ही बॉयलर में चावल बनाया जाता है. उसके बाद गर्म पानी के ऊपर खाने की डिब्बों में ये खाना रखा जाता है, जिससे खाना देने तक गर्म रह सके.
कैंटीन चलाने की जिम्मेदारी फिलहाल अस्पताल प्रशासन को दी गई है. अस्पताल प्रशासन दावा कर रहा है की लोगों को पौष्टीक खाना दिया जा रहा है. साथ ही यहां जो भी काम कर रहे हैं, वो अस्पताल के कर्मचारी ही है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक इस कैंटीन में करीब 2 हजार लोगों को खाना खाने आ सकते है. जिसका खर्चा सरकार को 4 से 5 लाख रुपए महिने का पडेगा. सरकार एक महिने बाद इसे रिव्यू कर ऐसे ही करीब 100 और कैंटीन खोलने की तैयारी में है.
दिल्ली सरकार की इस योजना का स्वागत कैंटिन में काम कर रहे लोग कर रहे है, लेकिन सवाल भी खड़े कर रहे है कि दस रुपए में थाली तो सालों इंतेजार के बाद मिल गई, लेकिन ठेके पर काम करने वालों की सैलरी कब बढ़ेगी. दरअसल, इससे पहले शीला दीक्षित की सरकार ने गरीबों को सस्ता खाना देने के लिए जन आहार योजना शुरु की थी. आम आदमी पार्टी सरकार ने इस योजना को बंद कर पहले से सस्ता खाना देने के लिए इस तरह के कैंटीन की शुरुआत की है.
अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री भले ही पंजाब और गोवा चुनावों में व्यस्त हो, लेकिन उनकी नज़रें निगम के चुनाव पर भी टीकी हुई है, इसीलिये सरकार ने सोचा कि 2015 में आशीष खेतान की घोषणा के बाद भले ही आम लोगों तक पांच रुपए का नाश्ता और दस रुपए का खाना न पहुंच पाये, तो कम से कम अस्पताल के ज़रिए उन तमाम लोगों तक ये सुविधा पहुंचाई जा सके और वाहवाही लुटी जा सके.