चुनाव से पहले आरक्षण के खिलाफ संघ का बयान क्या बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित होगा?

आरएसएस ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले फिर एक बार ऐसा बयान दे दिया है जिससे बीजेपी को काफी नुकसान पहुंच सकता है.

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चुनाव से पहले आरक्षण के खिलाफ संघ का बयान क्या बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित होगा?

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  • January 20, 2017 2:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: आरएसएस ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले फिर एक बार ऐसा बयान दे दिया है जिससे बीजेपी को काफी नुकसान पहुंच सकता है.
 
जयपुर लिटरेचल फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण खत्म किए जाने की वकालत की है.
 
वैद्य ने कहा, आरक्षण को खत्म कर ऐसी व्यवस्था लाने की जरूरत है जिससे सबको समान शिक्षा और आगे बढ़ने के अवसर मिलें. उन्होंने ये भी कहा कि अगर देश में लंबे समय तक आरक्षण रहता है तो ये अलववाद को बढ़ावा देगा. 
 
गौरतलब है कि बिहार बिधानसभा चुनावों से पहले भी संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिया था जिसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ा था.
 
 
विरोधी पार्टियों ने भागवत के बयान को चुनावों में खूब भुनाया था. हालांकि पीएम मोदी और अमित शाह कई बार अपने भाषणों में आरएसएस के बयान से किनारा करते नजर आए लेकिन नुकसान को रोक नहीं पाए. 
 
इस बार भी आरक्षण पर संघ के बयान के बाद विपक्ष ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट करके कहा है है कि ‘आरक्षण संविधान प्रदत्त अधिकार है. RSS जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं, इसे छिनने की बात करने वालों को औकात में लाना मेरे वर्गों को आता है.
 
 
 
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा ‘ मोदी जी आपके RSS प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके है. बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा. 
 
 
 
अरविंद केजरीवाल ने वैद्य के बयान से पंजाब को जोड़ते हुए ट्वीट कर कहा कि ‘भाजपा/आरएसएस/अकाली दलित विरोधी हैं. इनके नापाक इरादों को कभी सफल नहीं होने देंगे.’
 
 
 
हालांकि बीजेपी जनरल सैकेट्री मुरलीधर राव ने वैद्य के बयान से किनारा करते हुए कहा कि बीजेपी हमेंशा से आरक्षण का समर्थन करती हुई आई है और आरक्षण के पक्ष में बीजेपी की प्रतिबद्धता पर कोई सवाल खड़े नहीं कर सकता. 
 
 
 
पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव सर पर है और ऐसे में आरएसएस ने फिर एक बार आरक्षण पर बयान देकर निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. देखना होगा कि बीजेपी इस डैमेज को कैसे कंट्रोल करती है?

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