मुंबई: साल 2008 के
मालेगांव बम विस्फोट मामले की जांच कर रही
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत से कोई एतराज नहीं है. NIA ने ये बात गुरुवार को
बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया. NIA की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी ने पहले ही यह कह दिया था कि यह मामला मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत उन पर कोई मामला नहीं बनता.
साध्वी प्रज्ञा ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के कोर्ट के फैसले के खिलाफ यह अपील की थी. बता दें कि एनआईए ने 13 मई 2016 को अपने पहले के रुख से पलटते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए गए थे.
एनआईए ने कोर्ट में दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र में कहा है कि आरोपियों को मालेगांव धमाकों की साजिश की जानकारी नहीं थी. जांच एजेंसी ने दावा किया था कि जांच के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं पाए गए.
एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा चलाने लायक नहीं है. इस आरोप पत्र के बाद साध्वी प्रज्ञा के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया. धमाके में इस्तेमाल हुई बाइक के साध्वी की होने की बात कही गई थी. इस आरोप में 24 अक्तूबर 2008 को प्रज्ञा गिरफ्तार की गई थीं.