नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा है कि उरी और हंदवाड़ा हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था. इससे पहले शुरुआती जांच में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ पाया गया था. वहीं एनआई ने कहा कि नगरोटा हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ था जिसमें दो अफसर और 5 जवान शहीद हुए थे.
वहीं एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तानी पोस्टर मिलने के मिलने का भी दावा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले को लेकर कुछ फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी संदेह है जिसकी जांच हो रही है. साथ ही हुवावे कंपनी का फोन भी बरामद हुआ है जो कि पाकिस्तान के एक व्यापारी का है.
बता दें कि 18 सितंबर 2016 को
उरी सेक्टर में सैन्य शिविर पर हुए हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी मारे गए थे. इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की मुहिम को तेज कर दिया.
वहीं उसके बाद भारतीय ने
सर्जिकल स्ट्राइक करके पीओके में घुसकर आतंकी शिविरों पर हमला किया. उस ऑपरेशन में आतंकियों के सात शिविर ध्वस्त हो गए और 50 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया.