श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज
कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया गया है. रिपोर्ट्स है कि बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया.
बता दें कि कश्मीर पंडितों की घाटी में वापसी के लिए कई सालों से मांग उठाई जाती रही है, प्रस्ताव पास करने के साथ ही यह भी कहा गया कि कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में अनुकूल माहौल बनाया जाएगा ताकि वह आराम से रह सकें.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री
उमर अबदुल्ला ने कहा कि सदन को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सिखों और कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए.
अबदुल्ला ने कहा कि 27 साल पहले कुछ ऐसी परिस्थितियां बनीं थी जिसकी वजह से कश्मीरी पंडितों और सिख समुदाय, कुछ मुस्लिमों को घाटी छोड़कर जाना पड़ा था, अब 27 साल पूरे हो गए हैं, इसलिए सदन को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा और एकजुट होना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर में शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा है कि आज पंडितों को कश्मीर की इतनी जरूरत नहीं है, जितनी कश्मीर को पंडितों की है. बता दें कि आज से ठीक 27 साल पहले यानी 19 जनवरी 1990 को करीब 4 लाख कश्मीरी पंडित जेहादी कट्टरपंथियों के जुल्म से तंग आकर घाटी छोड़ने पर मजबूर हो गए थे.