RBI गवर्नर से संसदीय समिति ने पूछा सवाल तो मनमोहन सिंह ने कहा- मत दीजिए इसका जवाब

नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के समाने पेश हुए. उर्जित पटेल दो अहम सवालों के जवाब नहीं दे सके. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी उर्जित पर कई सवाल दागे लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनका बचाव करते नजर आए.

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RBI गवर्नर से संसदीय समिति ने पूछा सवाल तो मनमोहन सिंह ने कहा- मत दीजिए इसका जवाब

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  • January 18, 2017 5:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के समाने पेश हुए. उर्जित पटेल दो अहम सवालों के जवाब नहीं दे सके. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी उर्जित पर कई सवाल दागे लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनका बचाव करते नजर आए. 
 
 
दोपहर दो बजकर बीस मिनट पर उर्जित पटेल स्टैंडिंग कमिटी ऑफ फाइनैंस के सामने पेश हुए. कमेटी के 30 में से 25 सदस्य मौजूद थे. उर्जित पटेल के साथ RBI के डिप्टी गवर्नर समेत वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी थे. कमेटी के चेयरमैन वीरप्पा मोइली के साथ मनमोहन सिंह भी थे. 
 
 
उर्जित पटेल से दिग्विजय ने पूछा कि आपको किस बात का डर है कि अगर पैसा निकालने की सीमा हटा दी जाएगी तो देश में अफरा-तफरी का माहौल हो जाएगा, उर्जित इस सवाल से थोड़ा असहज हुए लेकिन तभी मनमोहन सिंह ने उनको टोकते हुए कहा कि जरूरत नहीं है, इसका जवाब मत दीजिए.
 
 
सवाल-जवाब
उर्जित पटेल से पूछा गया – नोटबंदी से पैदा हालात कब सामान्य होंगे. इस पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. अधिकारी भी चुप रहे.
तभी एक सदस्य ने सवाल पूछा – कितना पैसा जमा हुआ ? इसका भी कोई जवाब नहीं मिला.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूछा – नोटबंदी का फैसला किसका था. जवाब मिला – सरकार का. 
हालांकि, उर्जित पटेल ने बताया कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ की नई करेंसी मार्केट में आ चुकी है. 
 
 
समिति के सदस्य सौगात रॉय ने बताया की वह उर्जित पटेल ने कई अहम सवालों के जवाब नहीं दिए. उन्होंने कहा,’ RBI गवर्नर ये बताने में असमर्थ थे कि नोटबंदी के बाद कितने रुपए की पुरानी करेंसी बैंकों में वापस आई. वह ये भी नहीं बता पाए कि हालात कब तक सामान्य हो जाएंगे.’ समिति के कुछ सदस्यों ने मांग की है कि RBI गवर्नर को एक बार फिर बुलाया जाए.
 
 
इस दौरान कुछ सदस्यों ने कहा कि RBI और सरकार के बीच तालमेल का अभाव है. कई सदस्यों ने कहा कि RBI गवर्नर कई सवालों के जवाब नहीं दे सके. लिहाजा उन्हें फिर से बुलाया जाए. बता दें कि RBI गवर्नर अब 20 जनवरी को संसद की लोक लेखा समिति के सामने भी पेश होंगे.

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