चुनावी मौसम में नेताओं के रंग बदलने का सिलसिला जारी है. बरसों तक अपनी पार्टी की नीतियों की पोटली और झंडा ढो रहे कार्यकर्ता हताश हैं, क्योंकि चुनाव में उनकी निष्ठा पर दांव लगाने की बजाय सभी पार्टियों ने दल-बदलुओं के लिए दरवाज़े खोल दिए हैं.
January 18, 2017 4:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: चुनावी मौसम में नेताओं के रंग बदलने का सिलसिला जारी है. बरसों तक अपनी पार्टी की नीतियों की पोटली और झंडा ढो रहे कार्यकर्ता हताश हैं, क्योंकि चुनाव में उनकी निष्ठा पर दांव लगाने की बजाय सभी पार्टियों ने दल-बदलुओं के लिए दरवाज़े खोल दिए हैं.
आखिर सभी दलों को दल-बदलू क्यों पसंद आते हैं ? क्या राजनीति में निष्ठा, नीति और नीयत की बातें बेमानी हैं, आज इन्हीं सवालों पर होगी बड़ी बहस.