नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की स्वतंत्रता खत्म हो गई है. अब यह सरकार की रबर स्टैंप बन गई है. उन्होंने
RBI की स्वयत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि RBI गवर्नर को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि गवर्नर का सारा काम तो केंद्र सरकार ही कर रही है.
आजाद ने आगे कहा कि अगर मुझे RBI गर्वनर सामने मिले तो मैं भी उन्हें नहीं पहचान पाउंगा. क्योंकि न तो मैंने उन्हें किसी टीवी पर या फिर किसी अखबार में देखा है. इसका मतलब है
मोदी सरकार ने उन्हें न होने की ही अथॉरिटी दे रखी है. क्योंकि गर्वनर का सारा काम केवल सरकार ही करती है. इस फैसले से देश की आर्थिक नीति को बहुत नुकसान हुआ है.
नोटबंदी के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही आजाद ने ने कहा है कि 1947 के बाद देश को जो नुकसान दुश्मन नहीं पहुंचा सके, वह केवल मोदी सरकार ने कर दिखाया है. आज कांग्रेस ने पूरे देश में रिजर्व बैंक के सभी ऑफिसों के सामने धरने दिए.
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मुझे आशा है कि आने वाले बजट सत्र में प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी संसद में
नोटबंदी पर बोलेंगे और इस फैसले जो नुकसान हुआ उसकी जिम्मेदारी या तो वो खुद लेंगे या फिर उनकी सरकार इस नुकसान की जिम्मेदारी लेगी. इस गलत फैसले की वजह से देशभर में से 120 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
बता दें कि कांग्रेस ने आज देश भर में
RBI की शाखाओं पर प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने इस प्रदर्शन में बैंक से नोट निकालने की सीमा को खत्म करने की मांग की है. यह प्रदर्शन 18 जनवरी से 23 जनवरी के बीच किया जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता
रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि नोटों की आपूर्ति पहले की तरह होनी चाहिए, बैंकों से नोट निकालने की सीमा खत्म की जानी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में आरबीआई आर्थिक वृद्धि और स्वतंत्र मुद्रा नियामक में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संस्थान की भूमिका न निभाकर एक डाकघर जैसा रह गया है और सिर्फ मोदी सरकार से मिले आदेशों का पालन करने वाला पालतू बनकर रह गया है, जो कि काफी शर्मनाक है.