जान की कीमत पर अंधाधुंध विकास किस काम का ?

जवाब तो देना होगा में आज मुद्दा विकास और विनाश के बीच के चुनाव का. एक ऐसा चुनाव जो हमें और आपको करना है. प्रदूषण की वजह से सांस लेने में तकलीफ़ न तो आप भूले हैं और ना हीं WHO का ये तथ्य आपको प्रदूषण की समस्या को भूलने देगा.

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जान की कीमत पर अंधाधुंध विकास किस काम का ?

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  • January 18, 2017 2:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: जवाब तो देना होगा में आज मुद्दा विकास और विनाश के बीच के चुनाव का. एक ऐसा चुनाव जो हमें और आपको करना है. प्रदूषण की वजह से सांस लेने में तकलीफ़ न तो आप भूले हैं और ना हीं WHO का ये तथ्य आपको प्रदूषण की समस्या को भूलने देगा कि भारत में हर साल सांस की तकलीफ़ से मरने वालों का आंकड़ा तेज़ी से बढ़ता जा रहा है.
 
दिवाली के बाद दमघोटूं सुबह भी नहीं भूले होंगे आप. दरअसल ये बातें इसलिए याद दिला रहा हूं क्योंकि विकास की दौड़ में हम सब भूलते जा रहे हैं. अब नासा ने दो तस्वीरें जारी की हैं जो बताती हैं कि कैसे बीते 25 सालों में दिल्ली से पेड़ गायब होते चले गए हैं. विकास हुआ है लेकिन विनाश की ज़मीन भी तैयार हुई है.
 
उत्तराखंड की त्रासदी की उन तस्वीरों को याद कर लीजिएगा जिसने ख़ौफ़ पैदा कर दिया था. वहां भी विकास के नाम पर जिस तरह अंधाधुंध पेड़ काटे गए और रिवर बेड पर कंस्ट्रक्शन हुआ उसका नतीजा सबने देखा. लेकिन ऐसी तस्वीरें और तबाही का मंज़र देखने के बाद भी हम कुछ नहीं सीखते उसकी गवाही देती हैं.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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