नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण और मिडडे मिल की रिपोर्ट नहीं देने पर राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा है कि यह पंचायत नहीं है इस हल्के में न लें. यह फटकार सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के प्रदूषण और मध्याह भोजन जैसे लोक महत्व के मामलों पर उदासीन रवैये से नाराज होकर लगाई है.
प्रधान न्यायधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नाराज होकर कहा है कि यह मजाक नहीं है कि राज्य इस पर गंभीर नहीं हैं. शीर्ष अदालत ने कहा आप इसका महत्व तभी समझेंगे जब हम आपके सचिवों को तलब करेंगे.
न्यायालय ने कहा कि अगर आपको अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं करना है तो बता दीजिए. हम आपका बयान रिकार्ड कर लेंगे. न्यायालय ने तमिल्नाडु, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और आंध्र-प्रदेश के वकीलों से पूछा कि अभी तक जवाबी हलफनामे दाखिल क्यों नहीं किए गए. पीठ ने कहा कि अगर आपको और समय चाहिए तो इसका अनुरोध करें.
बता दें कि 2012 में औद्योगिक प्रदूषण को लेकर गुजरात स्थित एनजीओ पर्यावरण सुरक्षा की याचिका पर पहले सुनवाई करते हुए अदालत बहुत नाराज हो गई क्योंकि राज्यों को बहुत समय दिया गया था फिर भी जवाब दाखिल नहीं किया गया.