नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में चुनाव चिह्न साइकिल को लेकर पिता-पुत्र में चल रही उठापटक के बीच आज चुनाव आयोग ने साइकिल अखिलेश यादव को सौंप दी. यानी अखिलेश यादव साइकिल के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में एक महीने से जारी समाजवादी परिवार की लड़ाई का अंत होता हुआ भी नजर आ रहा है. गौरतलब है कि मुलायम सिंह और अखिलेश यादव दोनों ने ही साइकिल चुनाव चिह्न पर दावा ठोका था, लेकिन चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला सुनाया.
अमर सिंह के हलफनामे की वजह से चली गई साइकिल?
दरअसल 3 जनवरी 2017 को मुलायम सिंह यादव के गुट की तरफ से अमर सिंह ने चुनाव आयोग में एक पूरक हलफनामा दायर किया था. इस हलफनामे में विभाजित गुट का जिक्र किया गया था जिसे चुनाव आयोग ने आधार माना. चुनाव आयोग का कहना था कि पार्टी में विभाजन हुआ है ये तो आप अपने पूरक हलफनामे में मान रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग ने माना कि दोनों गुटों में से अखिलेश गुट को ज्यादा समर्थन प्राप्त है, लिहाजा चुनाव चिह्न साइकिल की दावेदारी के मामले में अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला सुनाया गया.
चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक अखिलेश यादव को 228 में से 205 विधायकों का समर्थन हासिल है. वही उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 68 में से 56 लोगों का समर्थन हासिल है.
चुनाव आयोग के मुताबिक संसद में मौजूद समाजवादी पार्टी के कुल 46 में से 28 सांसद अखिलेश के साथ हैं. वहीं राष्ट्रीय परिषद के 46 सदस्यों में से 28 सदस्य अखिलेश का समर्थन कर रहे हैं.