नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही सैनिकों की वीडियोज ने
केंद्र सरकार को भी चितिंत कर दिया है. सैन्य अधिकारियों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद केंद्र सरकार ने इन अधिकारियों के घरों में तैनात सहायकों की समीक्षा कराने का फैसला किया है. बता दें कि बीएसएफ के जवान
तेजबहादुर यादव की
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद और भी कई वीडियो सामने आईं हैं. इन वीडियो में सैनिकों ने अपने अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वो उनसे अपने घर के निजी काम कराते हैं.
बता दें कि तेज बहादुर के वीडियो के बाद और भी जवान वीडियो बनाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाने लगे. इन वीडियो में ज्यादातर मौकों पर शीर्ष अधिकारियों की शिकायत की गई. इस मसले पर अब
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आर्मी चीफ बिपिन रावत से बात करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा है कि मैंने सेना प्रमुख के साथ इस मुद्दे को उठाया है. जवानों के मुद्दों को हल करने के लिए सेना से एक रिपोर्ट भी मांगी गई है.
रक्षामंत्री ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने सहायकों की समीक्षा का आदेश दिया है. अब अफसरों के घर तैनात सहायकों की समीक्षा होगी. अब सेना को हर महीने ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी. शिकायतों के निवारण के लिए सेना को आंतरिक रूप से भी अधिक पारदर्शी तंत्र बनाना होगा.
बता दें कि सीआरपीएफ में जवान मीतू सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के जरिए ये बताने की कोशिश की है कि उनकी बहाली तो अर्द्धसैनिक जवान के तौर पर हुई थी लेकिन असल में उन्हें साहब की बूट पॉलिश से लेकर बगान में कुदाल चलाने का काम भी करना पड़ता है. घर के कुत्ते की देखभाल का जिम्मा भी इन्हीं के कंधे पर होता है.