नई दिल्ली : पटना में जो मातम पसरा, उसकी एक नहीं, कई वजह हैं. लोगों से लेकर पुलिस-प्रशासन तक हर किसी की लापरवाही सामने आई है. नाव मालिक और अम्यूजमेंट पार्क मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. लेकिन, सवाल मामला दर्ज करने भर का नहीं है, लोगों की जिंदगी से जुड़ा है. क्या इसी तरह हादसे होते रहेंगे और किसी को दोषी मानकर केस दर्ज करना ही काफी रहेगा.
एक नाव में भी भला इतने लोग कैसे बैठ सकते हैं. 10-20 नहीं बल्कि 40 से भी ज्यादा तादाद है इन लोगों की. तिल रखने की जगह नहीं बची है. फिर भी क्या महिला, क्या बूढ़े, क्या बच्चे और क्या नौजवान सब के सब नाव में बैठने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
सोचिए, अगर एक नाव में इतने लोग बैठेंगे तो क्या होगा. मतलब लोगों ने जानबूझकर मौत से दो-दो हाथ किए. सब जानते थे, कि बीच नदी में कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन सब बेखबर. घर लौटने की जल्दी और फिर वही हुआ, जिसका अंदेशा था.
बिहार के पटना के सबलपुर गंगा दियारा में हुए नाव हादसे पर देखिए
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