नई दिल्ली : आज 69वां सेना दिवस है. आज ही के दिन 1949 में भारतीय सेना ब्रिटिश सेना से पूरे तौर पर आज़ाद हुई थी और फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा आज़ाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे. इससे पहले ब्रिटिश मूल के फ़्राँसिस बूचर बतौर सेना प्रमुख थे.
आज दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत अमर जवान ज्योति पर बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली कैंट में परेड की सलामी ली और जवानों की विधवाओं को सेना मेडल और दूसरे पुरस्कारों से सम्मानित किया.
सियाचिन में 35 फ़ीट बर्फ के नीचे छह दिन तक ज़िन्दगी और मौत के बीच संघर्ष करने वाले स्वर्गीय लांस नायक हनुमंथप्पा को सेना मेडल से सम्मानित किया गया. उनकी धर्मपत्नी को मेडल दिया गया.
इस दौरान आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘हमारे कुछ जवान अपनी समस्यानों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे हमारे दूसरे जवानों पर असर पड़ रह है. जवानों का यह काम आपराधिक है और ऐसा करने पर उन्हें सजा भी दी जा सकती है.’
उन्होंने कहा कि सेना के जवान को कोई शिकायत है तो वह सिस्टम से अपनी समस्या बताए. सोशल मीडिया पर समस्या बताना कतई उचित नहीं है.
वहीं थोड़ी देर में सेना जंग का एक नमूना पेश कर अपने कौशल और रणनीति का प्रदर्शन भी करेगी, जिसमें ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें, जैविक और रासायनिक हथियारों से निपटने वाला सीबीआराएन वाहन और टी-90 टैंक आदि खास आकर्षण रहेंगे. इस अवसर पर आयोजित परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना और देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिये प्रेरित करना है.