नई दिल्ली : आज देश के
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेसी नेता गुलजारी लाल नंदा की 19 वीं
पुण्यतिथि है. नंदा दो बार कुछ दिनों के लिए देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने. स्व नंदा का जन्म 4 जुलाई, 1898 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था.
कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित गुलज़ारी लाल नंदा प्रथम बार पंडित
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए. वहीं दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद 1966 में यह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने. इनका कार्यकाल दोनों बार उसी समय तक सीमित रहा जब तक की कांग्रेस पार्टी ने अपने नए नेता का चयन नहीं कर लिया.
स्व नंदा के पिता का नाम बुलाकी राम नंदा तथा माता का नाम श्रीमती ईश्वर देवी नंदा था. नंदा की प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ही सम्पन्न हुई. इसके बाद उन्होंने लाहौर के ‘फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज’ तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया. गुलज़ारी लाल नंदा ने कला संकाय में स्नातकोत्तर एवं क़ानून की स्नातक उपाधि प्राप्त की. इनका विवाह 1916 में 18 वर्ष की उम्र में ही लक्ष्मी देवी के साथ सम्पन्न हो गया था.
गुलज़ारी लाल नंदा का भारत के स्वाधीनता संग्राम में इनका काफ़ी योगदान रहा. नंदाजी का जीवन आरम्भ से ही राष्ट्र के प्रति समर्पित था. 1921 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भाग लिया. नंदाजी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने मुम्बई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं. 1932 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान और 1942-1944 में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय इन्हें जेल भी जाना पड़ा.