नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट की निगरानी में संपन्न दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में हाईकोर्ट के ही जजों के बच्चों के पास करने की शिकायत पर केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मामले की जांच करने कहा है. परीक्षा की टॉपर भी हाईकोर्ट के जज की बेटी हैं.
कानून मंत्री सदानन्द गौड़ा ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में भाई भतीजावाद और पक्षपात के सवालों पर दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी रोहिणी को ख़त लिखा है. गौड़ा ने 18 जून को लिखे पत्र में शिकायत की है कि हाईकोर्ट जज के बच्चे परीक्षा में बैठे और सफल हुए तब जबकि हाईकोर्ट के ही जज इस परीक्षा प्रक्रिया में शामिल थे.
परीक्षा में 659 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिसमें केवल 15 अभ्यर्थी पास हुए और 644 फेल कर गए. इस परीक्षा की टॉपर और कुछ अन्य सफल कैंडिडेट दिल्ली हाईकोर्ट में पदस्थ जजों के बच्चे-बच्चियां हैं. हाईकोर्ट के जज प्रश्नपत्र तैयार करने, मूल्याकंन करने और साक्षात्कार से जुड़े थे.
कानून मंत्री गौड़ा ने अपने पत्र में उन पदस्थ जजों का उल्लेख किया है जिनकी पुत्रियां पास कैंडिडेट्स में हैं. गौड़ा ने चीफ जस्टिस से कहा है कि शिकायत करने वालों की मांग है कि मामले की जांच हो और कॉपियों की दोबारा निष्पक्ष जांच कराकर रिजल्ट निकाला जाए.
इससे पहले 1990 में भी दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा भाई-भतीजावाद के आरोप के चलते निरस्त कर दी गई थी. 1991 में परीक्षा पुन: कराई गई तो वे अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए जो पूर्व की परीक्षा में सफल नहीं हुए थे.
संभल में रविवार को जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर पथराव की घटना…
बरेली जिले में एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है. पुलिस के मुताबिक, हादसा…
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस डबल इंजन की सरकार में एक इंजन भ्रष्टाचार में…
बॉबी के पिता, अभिनेता धर्मेंद्र ने भी अपने समय का एक वीडियो शेयर किया है,…
हिंदू धर्म और आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र समय माना गया…
रविवार को भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच पुलिस और अधिकारियों की टीम दोबारा…