नई दिल्ली : वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग कर रहे एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की खुदकुशी करने के बाद परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने के आप सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि याचिका में कोई आधार नजर नहीं आ रहा है. चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा, ‘हमें याचिका में कोई आधार नजर नहीं आ रहा है, आप ये बताइये सरकार ने किस कानून का उल्लंघन किया है. अगर आपको सरकार के किसी फैसले के खिलाफ कोई आपत्ति है तो आप धरने पर बैठ जाइए और कहिये कि हम अगली बार आपको वोट नहीं करेंगे. याचिका में रामकिशन ग्रेवाल को शहीद घोषित करने के आप सरकार के फैसले का भी विरोध किया गया था. याचिका में कहा गया था कि खुदकुशी जैसे कदम का महिमामंडन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि ग्रेवाल दिल्ली के निवासी नहीं थे, उन्हें दिल्ली सरकार मुआवजा कैसे दे सकती है. उनका यह भी कहना है कि यह 1 करोड़ की रकम दिल्ली के जनता का वह पैसा जो टैक्स के रूप में दिया गया है.
बता दें कि राम किशन ग्रेवाल ने कथित तौर पर वन रैंक वन पैंशन (OROP) से जुड़ी शिकायतों को लेकर दिल्ली में खुदकुशी कर ली थी. आत्महत्या करने वाले सैनिक रामकिशन ग्रेवाल हरियाणा में भिवानी के रहने वाले थे.