इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने इंडिया वेज रिपोर्ट यानी कि भारत की आय रिपोर्ट के आधार पर बनाई की रिपोर्ट के मुताबिक जनप्रतिनिधियों यानी नेताओं, शीर्ष अधिकारियों और मैनेजरों की वास्तविक मजदूरी में 98 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है.
नई दिल्लीः जहां एक तरफ लगभग हर सेक्टर में नौकरी कर रहे लोग अपनी सैलरी बढ़वाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं फिर भी कई बार उनकी सैलरी नहीं बढ़ती लेकिन एक रिपोर्ट की मानें तो तीन सेक्टर ऐसे हैं जहां जॉब कर रहे लोगों की सैलरी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार साल 1993-94 से 2011-12 के बीच जन प्रतिनिधियों (नेताओं), शीर्ष अधिकारियों और मैनेजरों की प्रतिदिन की औसत आय में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है. यह रिपोर्ट इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने इंडिया वेज रिपोर्ट यानी कि भारत की आय रिपोर्ट के आधार पर दी है.
इस रिपोर्ट के अनुसार जनप्रतिनिधियों यानी नेताओं, शीर्ष अधिकारियों और मैनेजरों की वास्तविक मजदूरी 98 प्रतिशत तक बढ़ी है, वहीं दूसरे प्रोफेशनल की सैलरी में 90 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. जबकि स्पेक्ट्रम, प्लांट और मशीन ऑपरेटर की वास्तविक मजदूरी इन 20 साल में केवल 44 प्रतिशत तक ही बढ़ी है. रिपोर्ट में एक बात और सामने आई है कि व्यवसायिक कैटेगरी में वास्तविक आय अधिकतम रही है, लेकिन 2004 से 2005 के बीच इसके इजाफे में भी गिरावट आई है.
बेस्ट पेड व्यवसाय और लोवेस्ट की बीच के अंतर की बात करें तो साल 1993-94 में 7.2 था जो साल 2004-05 में घटकर 7.6 ही रह गया. साल 2011-12 में यह बढ़कर 7.6 तक पहुंच गया. जबकि स्किल्ड व्यवसाय की बात करें तो प्रतिदिन की मजदूरी जहां साल 2004-5 और 2011-12 में 3.7 फीसदी के आसपास रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी भारत में साल 1993-92 से 2004-5 के बीच सैलरी में इजाफा हुआ है. जिसका कारण प्रोफेशनल औऱ प्रशासनिक कैटेगरी में काम करने वाले लोग हैं. रिपोर्ट में लोवेस्ट व्यवसाय ने औसत कमाई का सिर्फ 60 प्रतिशत ही पाया गया जबकि मीडियम स्किल्ड जॉब्स में मजदूरी 0.7 से 1.8 के बीच रही है. वहीं हाई स्किल्ड रोजगार में मजदूरी 1.9 से 4.3 गुना ज्यादा हुआ है.
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