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जवान को अपना दर्द सोशल मीडिया पर क्यों रखना पड़ा?

सीमा पर जवान कई तरह की तकलीफें सहकर भी पूरी मुस्तैदी से डटे रहते हैं. किसी भी नक्सली हमले में कोई मरता है तो वो CRPF का जवान भी होता है. किसी आतंकी हमले में कोई मरता है तो वहां CRPF का जवान भी होता है.

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  • January 12, 2017 3:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सीमा पर जवान कई तरह की तकलीफें सहकर भी पूरी मुस्तैदी से डटे रहते हैं.  किसी भी नक्सली हमले में कोई मरता है तो वो CRPF का जवान भी होता है. किसी आतंकी हमले में कोई मरता है तो वहां CRPF का जवान भी होता है. विकट से विकट परिस्थितियों में भी ये BSF और CRPF के जवान बिना अपनी जान का डर किए देश और जनता की रक्षा के लिए डटे रहते हैं. 
 
जवानों को इस कड़े काम के लिए सुविधाएं क्या मिलती हैं इसकी पोल खोली BSF के एक जवान तेजबहादुर के वीडियो ने. इसके बाद CRPF के एक जवान ने भी वीडियो जारी कर अपना दर्द बयान किया.
 
ऐसे में आज जवाब तो देना होगा में सवाल हैं- BSF के जवान तेज बहादुर या विनोद कुमार जैसी तकलीफें क्या सारे जवान महसूस कर रहे हैं लेकिन खामोश हैं? जवान को अपना दर्द सोशल मीडिया पर क्यों रखना पड़ा? क्या फोर्स में सुनने वाला कोई नहीं है? तेज बहादुर के सवालों के बदले जवान पर ही सवाल उठाना क्या इस बात का सबूत है कि बड़े पद पर बैठे अधिकारी मामले को दबाना चाहते हैं? अगर वीडियो में दिखा दर्द देश के हर सैनिक का दर्द है तो देश के लिए जान देने वाले सैनिक के भूखा सोने का जिम्मेदार कौन है?
वीडियो में देखें पूरा शो-

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