नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने
सरकार को व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन करने या कोई और निर्देश देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने परिवर्तन संगठन की ओर से
प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल याचिका का निपटारा किया.
CJI जस्टिस जेएस खेहर ने कहा,’ हम ये नहीं कह सकते कि MR. पार्लियामेंट आप ये कीजिए. संसद में ये मामला सीज है, वही इस पर फैसला करेगा. कोर्ट इस मुद्दे में नहीं उलझना चाहता. अगर याचिकाकर्ता को इस मामले में असंतोष है तो एक्ट पास होने के बाद वह फिर से कोर्ट आ सकता है.’
कोर्ट ने कहा कि वो केंद्र की इस दलील को सही मानते हैं कि ये बिल अभी
राज्यसभा में लंबित है. ये एक्ट आने वाले शीतकालीन सत्र में पास हो जाएगा.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2014 में सरकार ने संसोधन पेश किया क्योंकि पुराने एक्ट और RTI एक्ट 2005 में टकराव हो रहा था. ये बिल राज्यसभा में पेंडिंग हैं.
दरअसल एक जनहित याचिका में मांग की गई थी कि 2014 में संसद में लोकसभा में व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्टशन एक्ट पास हो गया था लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दिए है कि जब तक एक्ट लागू नहीं होता तब तक 2011 के प्रावधानों को लागू करे और इसमें संसोधन करे.