नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नई
दिल्ली के मानसिंह होटल के पास बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुनवाई के दौरा
न टाटा ग्रुप को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने इस माले में
एनडीएमसी को टाटा ग्रुप की लीज न बढ़ाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है.
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि एनडीएमसी ने सही तरीके से कार्रवाई नहीं की है और कानूनी अधिकारियों की राय को दबाया है, जिसमें टाटा ग्रुप की लीज को बढ़ाने को कहा गया था. इस मामले में कोर्ट ने एनडीएमसी को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आज की सुनवाई के बाद अब होटल की नीलामी के लिए टाटा ग्रुप को पहले मौका दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा है कि अगर टाटा ग्रुप लाइसेंस की नीलामी में तय रकम नहीं दे सका तो इसके बाद जो बड़ी बोली लगाएगा उसे ही लीज दी जाएगी.
आज की सुनवाई के पहले सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिससे नीलामी रुक गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी को राहत मिली थी और कोर्ट ने NDMC की मांग को दरकिनार कर दिया था जिसमें उन्होंने 31 मार्च से बाद होटल में कंपनी कोई बुकिंग ना ले. कोर्ट ने कहा था कि चलते हुए बिजनेस पर रोक नहीं लगा सकते.
क्या है मामला ?
दिल्ली हाईकोर्ट में इस नीलामी के खिलाफ टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) ने याचिका दायर की थी, जिसे 27 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और न्यू दिल्ली म्यूनिसिपल कोरपोरेशन NDMC को होटल की नीलामी करने को हरी झंडी दे दी थी. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी, टाटा ग्रुप की IHCL ही ताज मानसिंह होटल चलाती है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि कंपनी को लाइसेंस में एक्सटेंशन पाने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि ये अधिकार NDMC के पास है.
दरअसल एनडीएमसी के स्वामित्व वाली इस संपत्ति को 1976 में आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था और एग्रीमेंट के तहत 11 मंजिला होटल तैयार कर चलाया जा रहा था. यह पट्टा 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद विभिन्न आधार पर कंपनी को इसका नौ बार अस्थायी विस्तार दिया गया. इसमें से तीन विस्तार तो अकेले पिछले साल दिए गए. एनडीएमसी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह होटल की नीलामी के लिए संपत्तियों का आकलन कर रही है. इस संपत्ति की नीलामी में पहले ही काफी देरी हो चुकी है.