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हादसों को रोको क्योंकि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

हिंदुस्तान की एक फिक्र कम नहीं होता कि दूसरा शुरू हो जाता है. हर मिनट एक एक्सीडेंट, हर पांचवें मिनट एक मौत. एक साल में लाखों जिंदगी खत्म आसानी से खत्म हो जाती है.

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  • January 11, 2017 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: हिंदुस्तान की एक फिक्र कम नहीं होता कि दूसरा शुरू हो जाता है. हर मिनट एक एक्सीडेंट, हर पांचवें मिनट एक मौत. एक साल में लाखों जिंदगी खत्म आसानी से खत्म हो जाती है.
 
आखिर हम सबक क्यों नहीं लेते ? सड़क पर सावधानी क्यों नहीं बरतते ? ज़रा सोचिए एक कार में तीन लड़के और दो लड़कियां म्यूजिक, मस्ती और फुल स्पीड में कार आती है और कुचल के चली जाती है. क्योंकि अक्सर यह बात कही जाती है सावधानी हटी और यहां बड़ा हादसा हो गया.
 
सड़क हादसे की सबसे बड़ी वजह होती है लापरवाही. देश में हर रोज हजारों ऐसे सड़क हादसे होते हैं हर रोज़ लापरवाही से सैकड़ों घरों के चिराग बुझ जाते हैं. सरकार और तमाम संस्था इन हादसों को रोकने में जुटी है. बावजूद इसके ये खूनी हादसे रुकते नहीं. कुछ सेकंड के लिए क्यों खत्म करते हो ‘डियर जिंदगी’ ? 
 

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