आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला सरकार के दिमाग की उपज था और सरकार के सलाह पर ही यह फैसला लिया गया. संसद की विभाग संबंधि वित्त समिति को भेजे पत्र में आरबीआई ने यह बात कही है.
January 11, 2017 5:30 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार के दिमाग की उपज था और सरकार के सलाह पर ही यह फैसला लिया गया. संसद की विभाग संबंधि वित्त समिति को भेजे पत्र में आरबीआई ने यह बात कही है.
पत्र में आरबीआई ने कहा है कि रिजर्व बैंक को सरकार ने 7 नवंबर 2016 को सलाह दी थी कि केंद्रीय बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने पर विचार करना चाहिए. सलाह में सरकार ने कहा था कि जाली नोट, आतंकवाद और कालेधन की समस्याओं से निपटने के लिए बड़े नोट बंद होने चाहिए.
केंद्रीय बैंक के बोर्ड ने इसके अगले दिन ही नोटबंदी की सिफारिश की और नोटों को वापस लेने का फैसला लिया गया. पीएम मोदी ने उसी शाम नोटबंदी का ऐलान कर दिया. बता दें कि इस फैसले पर हर बार सरकार ने कहा है कि रिजर्व बैंक के कहने पर यह फैसला लिया गया.
आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपए के नए नोट जारी करने का प्रस्ताव मई 2016 में ही मंजूर कर दिया गया था. इसे मंजूरी देने वक्त 500 औरर 1000 के नोट को बंद करने का जिक्र नहीं हुआ था.