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NGO की सरकारी फंडिंग पर नियंत्रण के लिए केंद्र की क्या है तैयारी: सुप्रीम कोर्ट

देश के एनजीओ को दिए जाने वाले सरकारी फंड के मामले में आज चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने केंद्र से सवाल किया है कि वह एनजीओ फंडिंग को कैसे नियंत्रित करेगा. कोर्ट ने केंद्र से फंडिंग में नियंत्रण के लिए मैकेनिज्म तैयार करने का आदेश दिया है.

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  • January 10, 2017 9:56 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : देश के एनजीओ को दिए जाने वाले सरकारी फंड के मामले में आज चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने केंद्र से सवाल किया है कि वह एनजीओ फंडिंग को कैसे नियंत्रित करेगा. कोर्ट ने केंद्र से फंडिंग में नियंत्रण के लिए मैकेनिज्म तैयार करने का आदेश दिया है.
 
सुप्रीम कोर्ट ने आज दो एनजीओ फंडिंग से जुड़े सीएपीएआरटी के डायरेक्टर को कोर्ट में तलब किया, इसके अलावा कोर्ट ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के सेकेट्री से रिकार्ड भी मांगा.
 
एनजीओ फंडिंग पर कोर्ट ने केंद्र पर बड़े सवाल खड़े करते हुए कहा कि जनता के पैसे को सरकार किसी एनजीओ को देती है तो उसका हिसाब रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार देखे कि जनता के पैसे का क्या किया गया.
 
कोर्ट ने केंद्र से मांग की है कि साल 2008-09 के बाद से कितना सरकारी पैसा एनजीओ को दिया गया उसकी जानकारी कोर्ट में सौंपी जाए. सरकार ने जब इस पर वक्त मांगा तो कोर्ट ने कहा कि केंद्र बड़ी धीमी है और वो इस पर वक्त मांग रही है. कोर्ट ने कहा कि हजारों करोड़ का फंड दिया गया और सरकार कह रही है कि उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है.
 
 
‘सिस्टम को तेजी से काम करने की जरूरत’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को अनदेखा किया है इसलिए अंडर सेक्रेटरी ने हलफनामा दाखिल किया जबकि ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अफसर को जवाब दाखिल करना चाहिए था.
 
बता दें कि कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर है जिसमें मांग की गई है कि देशभर के सभी रजिस्टर्ड एनजीओ के खातों की जांच की जाये. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने देश भर में रजिस्टर्ड तमाम एनजीओ की जानकारी पेश करने के लिए सीबीआई को 3 महीने का वक्त दिया था. 
 
 
सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि ज्यादातर एनजीओ आईटी रिटर्न फाइल नहीं करते. गुजरात और तमिलनाडु की ओर से जानकारी नहीं मिल पाई कि उनके यहां कितने एनजीओ काम कर रहे हैं, जबकि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, बिहार, उड़ीसा और महाराष्ट्र ने सिर्फ आंशिक जानकारी दी है.
 

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