नई दिल्ली : भारत
वियतनाम के साथ व्यापार और मिलिटरी संबंध बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसी क्रम में भारत वियतनाम को जमीन से हवा में मार करने वाली स्वदेशी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बेचने की तैयारी कर रहा है. भारत की यह पहल एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में
चीन की आक्रामकता को नियंत्रित करने के नजरिए से देखी जा रही है.
भारत ने 2007 में वियतनाम के साथ ‘रणनीतिक साझेदारी’ की शुरुआत की थी. वहीं पिछले साल सितंबर में पीएम नरेंद्र मोदी की हनोई यात्रा के दौरान इसे ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ में बदल दिया गया. सूत्रों का कहना है कि वियतनाम ने भी आकाश मिसाइल में अपनी रुचि जाहिर की. इसके अलावा भारत ने ताइवान को हेलीकॉप्टर, ड्रोन समेत ब्रह्मोस वरुणास्त्र का भी ऑफर दिया है.
इस मामले में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि वियतनाम भारत का एक करीबी दोस्त है. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध दिख रहे हैं.
भारत, वियतनाम के बीच होने वाले इस सौदे से पहले ही चीन को इसे लेकर चिंता सताने लगी है. बता दें कि चीन भारत को लेकर कई मुद्दों पर लगातार रुकावट पैदा करता रहा है. फिर चाहे भारत को
न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप में सदस्यता का मुद्दा रहा हो या फिर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आका मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने का मुद्दा हो.