नई दिल्ली. एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील में बहुत जल्द ही सीबीआई बड़ी कार्रवाई कर सकती है. जांच एजेंसी की एक टीम को अमेरिका में इस मामले को लेकर बड़े सबूत हाथ लग गए हैं.
1,350 करोड़ रुपये में हुए इस सौदे में भी रिश्वत खाने का आरोप लगा है. अमेरिका में इस मामले की जांच जस्टिस डिपार्टमेंट कर रहा है.
सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस सौदे के लिए बिचौलिए बिपिन खन्ना को किस तरह से रिश्वत दी गई है, इसकी जांच के दौरान कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं. वहीं एजेंसी ब्राजील के भी अधिकारियों के संपर्क में है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका से कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है उसी आधार पर ही अगला कदम उठाया जाएगा.
वहीं अब तक मिल रही है जानकारी के मुताबिक इस मामले में 57 लाख डॉलर की रिश्वत दी गई है. जिसमें बिपिन खन्ना मुख्य किरदार रहा है.
आपको बता दें कि ब्राजील के एक अखबार ने एन्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील में हुई गड़बड़ी को लेकर खबर छापी थी जिसके बाद से रक्षा मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए कहा था.
सीबीआई ने इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की है जिसमें कहा गया है कि इस पूरे सौदे को करवाने के लिए 57 लाख की रिश्वत दी गई है. जिसमें बिचौलिए बिपिन खन्ना, ब्राजील की कंपनी एम्ब्रायर और सिंगापुर की कंपनी इंटरदेव प्राइवेट लिमिटेड का नाम है.
क्या है पूरा मामला यह डील यूपीए के शासनकाल में हुई थी. 2008 में डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन यानी डीआरडीओ के लिए एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट खरीदने की डील हुई थी. इनका इस्तेमाल डीआरडीओ हवाई रडार सिस्टम के लिए किया था.
इस सौदे पर ब्राजील के अखबार ने खुलासा किया था कि कंपनी ने भारत और सउदी अरब से यह डील पक्की करने के लिए बिचौलिए के जरिए रिश्वत का खेल किया है. जबकि भारत में रक्षा सौदों में बिचौलिए की भूमिका गैरकानूनी मानी जाती है.
गौरतलब है कि इसी तरह से
अगस्ता-वेस्टलैंड डील मामले में भी सीबीआई पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर चुकी है. बाद में एसपी त्यागी उनको जमानत मिल गई.
लेकिन इस मामले की आंच कांग्रेस के बड़े नेताओं तक पहुंच गई है वहीं अब एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील में भी सीबीआई को अमेरिका से सबूत मिल गए हैं हालांकि अभी तक इस समय किसी नेता का सामने नहीं आया है.