याचिका दायर करने वाले वकील एम एल शर्मा का कहना है कि बजट को टालने के मामले में तुरंत सुनवाई होनी चाहिए. इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई है कि बीजेपी से चुनाव चिन्ह कमल छीन लिया जाए, क्योंकि केंद्र की बीजेपी सरकार ने चुनाव से ठीक तीन दिन पहले बजट रखकर एक तरह से आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
याचिका में लिखा गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद बजट का ऐलान करना संविधान की धारा 112 का उल्लंघन है. बता दें कि विपक्ष भी चुनाव से ठीक तीन दिन पहले बजट पेश होने का विरोध कर रहा है.
इसी विरोध के चलते कल कांग्रेस की अगुवाई में टीएमसी, जेडीयू, सपा, आरजेडी समेत 11 विपक्षी पार्टियों के नेता चुनाव आयोग गए थे और उन्होंने बजट को पेश करने की तारीख को 8 मार्च के बाद रखने की बात कही है.
विपक्ष के विरोध में वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने जवाब देते हुए कहा है कि यह कोई हमेशा की प्रथा नहीं है, जिसका पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि 2014 में भी आम चुनाव से कुछ दिन पहले ही अंतरिम बजट पेश किया गया था, यह एक संवैधानिक जरूरत है.