नई दिल्ली: एक कहावत है कि राजनीति में ना तो पक्की दोस्ती होती ना ही पक्की दुश्मनी. लेकिन कल तक एक-दूसरे को पानी पी-पी कर कोसने वाले दो प्रमुख विपक्षी नेता अगर अचानक एक दूसरे की दिल खोलकर तरीफ करने लगें तो सवाल खड़े होना तो लाजमी है.
ऐसे ही जब प्रकाश उत्सव के मौके पर बिहार की राजधानी
पटना पहुंचे पीएम मोदी ने मंच पर मौजूद नीतीश कुमार की जमकर तारीफ़ की तो सवाल उठने लगे कि इसके क्या सियासी मायने हैं?
पीएम मोदी ने
नीतीश कुमार के शराबबंदी के उस फ़ैसले की जमकर तारीफ़ की जिसे उनकी खुद की पार्टी बीजेपी तालिबानी फैसला तक बता चुकी है. लेकिन ऐसा नहीं है कि मोदी ही अकेले पार्टी की सोच से अलग जाकर नीतीश की तारीफ़ करते दिखे हों, बल्कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार भी कई अहम मुद्दों पर खुलकर पीएम मोदी के साथ खड़े दिखे हैं. ऐसे में दो धुर विराधी नेताओं का एक-दूसरे के लिए हुआ ये हृदय परिवर्तन सवाल तो खड़े करेगा ही.
आज जवाब तो देना होगा में खोजेंगे कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब. 56 इंच के सीने से क्यों दिल खोलकर हुई नीतीश की तारीफ़? मोदी की तारीफ़ से बदलेंगे बिहार के सियासी समीकरण? नोटबंदी के ख़िलाफ़ खड़े विपक्ष से मिस्टर क्लीन नीतीश को साथ लेना चाहती है बीजेपी? महागठबंधन की कोशिशों में सेंध लगाएगी ये तारीफ़?
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