नई दिल्ली : भारत के नए चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के बारे में तो आप जानते होंगे लेकिन आज हम आपको उनसे जुड़ी ऐसी बातें बता रहे हैं जिस पर आपको गर्व महसूस होगा. जहां हमारे देश में नौजवान तक रक्तदान करने से घबराते हैं और रक्तदान करने वालों की संख्या काफी कम है वहीं, जस्टिस खेहर 64 साल की उम्र में भी हर तीन महीने में रक्तदान करते हैं.
जस्टिस खेहर हर तीन महीने में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जा कर रक्तदान करते हैं. वह पिछले चालीस सालों से लगातार ऐसा कर रहे हैं. चंडीगढ़ के वकील जस्टिस खेहर के बारे में बताते हैं कि वह पंजाब और हरियाण हाइकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित किए गए किसी भी ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान करने का मौका नहीं छोड़ते.
रक्तदान एक मिशन जैसा
चीफ जस्टिस के बारे में बताया जाता है कि रक्तदान करने के तुरंत बाद वह बेंच पर वापस आकर बैठ जाते हैं और काम करना शुरू कर देते हैं. रक्तदान करना उनके लिए एक मिशन की तरह है. इसके अलावा जस्टि खेहर के दोस्तों और सहकर्मियों कर समूह बहुत छोटा है. कहा जाता है कि वह काफी शांत और एकांतप्रिय हैं.
बता दें कि जस्टिस खेहर ने देश के 44वें चीफ जस्टिस के तौर पर बुधवार को शपथ ली है. जस्टिस खेहर के माता-पिता केन्याई अप्रवासी थे और जब वह स्कूल में पढ़ रहे थे तब भारत आए थे. वह पंजाब विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं.
जस्टिस खेहर उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज रहे वी रामास्वामी का खुलकर समर्थन किया था. रामास्वामी पर साल 1993 में पंजबा और हरियाण के चीफ जस्टिस रहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगा था.