नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में मचा घमासान अब चुनाव चिन्ह पर आकर अटक गया है. यूपी सीएम अखिलेश यादव और सपा के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव समर्थक गुट अब चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जता रहे हैं.
आज अखिलेश गुट की तरफ से रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि अखिलेश का गुट ही असली समाजवादी पार्टी है. उन्होंने कहा, ‘90% विधायक और एमएलसी अखिलेश का साथ दे रहे हैं इसीलिए यह गुट ही असली समाजवादी पार्टी है.’
रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग में चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताते हुए कहा कि अखिलेश के नेतृत्व वाली पार्टी को ही मान्यता मिलनी चाहिए.
रिपोर्ट्स है कि अगर समाजवादी पार्टी टूटती है तो अखिलेश यादव महागठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं. इस महागठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, आरएलडी, जेडीयू और आरजेडी को शामिल करने की प्लानिंग की जा रही है. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि अगर चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ जब्त होता है तो अखिलेश ‘चक्र’ की मांग कर सकते हैं.
मुलायम ने सोमवार को साइकिल पर ठोका था दावा
सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने भी साइकिल पर चुनाव आयुक्त के सामने दावा पेश किया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी में चल रही घटनाओं की सारी जानकारी भी दी थी और अखिलेश के खेमे की गतिविधियों को पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया था. मुलायम ने चुनाव आयोग में अखिलेश और रामगोपाल के पार्टी से निष्कासन की जानकारी भी दी.
बता दें कि बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिसके बाद से ही अखिलेश और मुलायम के गुटों के बीच चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताया जा रहा है.
एक जनवरी को सपा के अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक. वहीं अखिलेश यादव में सपा में चल रही उथल-पुथल की जड़ अमर सिंह को मानते हुए पार्टी से निकाल दिया था और शिवपाल को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.
जिसके बाद मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि रविवार को रामगोपाल की ओर से बुलाए गया अधिवेशन को पूरी तरह से असंवैधानिक था, मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, साथ ही अधिवेशन में शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया.