नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की और 31 दिसंबर 2016 तक लोगों को दिक्कतों का सामना करने की अपील की. उसके बाद 31 दिसंबर तक बैंकों ने एटीएम ट्रांजेक्शन पर छूट भी दी थी जो अब खत्म हो गया है और अब कैश की किल्लत के बीच ट्रांजेक्शन चार्ज ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है.
दरअसल नोटबंदी के बाद से ही लोगों को कैश की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और अब एटीएम ने भी ट्रांजेक्शन चार्ज लेना शुरू कर दिया है. इससे पहले 31 दिसंबर तक एटीएम ट्रांजेक्शन पर लगने वाले चार्ज को हटा दिया गया था.
हालांकि लोगों को इस बात की उम्मीद थी 31 दिसंबर के बाद भी सरकार एटीएम ट्रांजेक्शन छूट को जारी रखेगी लेकिन इस संबंध में अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. जिस वजह से बैंकों ने फिर से एटीएम ट्रांजेक्शन चार्ज लेना शुरू कर दिया है.
बता दें कि नोटबंदी से पहले ट्रांजेक्शन प्रॉसेसिंग एंड एटीएम सर्विस के नियमों के मुताबिक एक महीने में 5 ट्रांजेक्शन फ्री होते थे, जबकि उसके बाद होने वाले ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगता था. रिजर्व बैंक ने 31 दिसंबर तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स पर लगने वाले ट्रांजेक्शन फीस को खत्म कर दिया था.
कितना लगता था चार्ज ?
पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 5 ट्रांजेक्शन के बाद प्रति ट्रांजेक्शन पर 15 रुपये की फीस लेते थे, वहीं इनके अलावा अधिकतर बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क 20 रुपये लेते थे.