SP में ‘साइकिल’ की जंग, मुलायम के बाद आज अखिलेश का खेमा मिलेगा चुनाव आयोग से

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे में अब पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' को लेकर जंग छिड़ गई है. साइकिल पर दावा जताने के लिए पार्टी के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के गुट आमने-सामने आ चुके हैं.

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SP में ‘साइकिल’ की जंग, मुलायम के बाद आज अखिलेश का खेमा मिलेगा चुनाव आयोग से

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  • January 3, 2017 3:17 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे में अब पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को लेकर जंग छिड़ गई है. साइकिल पर दावा जताने के लिए पार्टी के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के गुट आमने-सामने आ चुके हैं.
 
कल यानी सोमवार को मुलायम और उनके समर्थक शिवपाल, अमर सिंह और जया प्रदा साइकिल सिंबल पर दावा पेश करने के लिए चुनाव आयोग गए थे, तो वहीं आज अखिलेश समर्थक गुट के नेता रामगोपाल यादव चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे और साइकिल पर अपना दावा जताएंगे. खबर है कि रामगोपाल के साथ नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और अभिषेक मिश्रा आज सुबह करीब 11:30 चुनाव आयोग जा सकते हैं.   
 
 
मुलायम ने सोमवार को साइकिल पर ठोका था दावा
सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने साइकिल पर चुनाव आयुक्त के सामने दावा पेश किया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी में चल रही घटनाओं की सारी जानकारी भी दी थी और अखिलेश के खेमे की गतिविधियों को पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया था. मुलायम ने चुनाव आयोग में अखिलेश और रामगोपाल के पार्टी से निष्कासन की जानकारी भी दी. 
 
 
बता दें कि बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिसके बाद से ही अखिलेश और मुलायम के गुटों के बीच चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताया जा रहा है. 
 
 
एक जनवरी को सपा के अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक. वहीं अखिलेश यादव में सपा में चल रही उथल-पुथल की जड़ अमर सिंह को मानते हुए पार्टी से निकाल दिया था और शिवपाल को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.
 
 
जिसके बाद मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि रविवार को रामगोपाल की ओर से बुलाए गया अधिवेशन को पूरी तरह से असंवैधानिक था, मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, साथ ही अधिवेशन में शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया.

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