नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े राज्य में पिता-पुत्र की ऐसी लड़ाई चल रही है जिसने राजकाज की ऐसी मान्यताओं और परंपराओं को उलट-पुलट कर रख दिया है. ये लड़ाई केवल दो चेहरों के आस-पास ही घूम रही है. एकतरफ राजनीति के धुरंधर और पिता
मुलायम सिंह यादव हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री और बेटे
अखिलेश यादव हैं.
दोनों की लड़ाई में घंटों-घंटों बाद राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं. आखिरकार मुलायम को अपने बेटे से ऐसी हार मिली है जिसने मुलायम की पूरी राजनीति ताश के पत्तों की तरह बिखेर कर रख दी है. जिस पार्टी को बचाने का हवाला देकर एक रोज अखिलेश को पार्टी से निकाला था, उसी पार्टी की खातिर बेटे अखिलेश के निष्कासन का फैसला वापस ले लिया.
समाजवादी पार्टी के 194 विधायक अखिलेश के साथ खड़े हैं और महज 30 विधायक मुलायम के साथ हैं.
मुलायम के सरेंडर के पीछे की वजह क्या हैं ? क्यों अखिलेश-
रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द करना पड़ा ? क्यों मुलायम सिंह-
शिवपाल सिंह यादव ने सरेंडर कर दिया ? क्यों अमर सिंह को बाहर निकालने पर अड़े हैं अखिलेश ? और क्यों अब भी अखिलेश समाजवादी पार्टी की बैठक बुलाने पर आमादा हैं ?
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