लखनऊ: यादव परिवार की लड़ाई शांत होने का नाम ही नहीं ले रही. दिन पर दिन इसमें नया मोड आ रहा है. अब यह लड़ाई चुनाव आयोग के पास पहुंच गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग चिट्ठी लिखते हुए पार्टी के सिंबल साईकिल पर दावा ठोंकते हुए कहा है कि असली पार्टी उन्हीं की है.
इस चिट्ठी को अब पार्टी में विभाजन के तौर पर देखा जा सकता है. ऐसी स्थिति में आयोग देखेगा कि दोनों गुटों के समर्थन में कितने विधायक, सांसद और कार्यकारिणी के सदस्य हैं. इस प्रक्रिया में काफी लंबा वक्त लगता है या फिर मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव को अपना अध्यक्ष मान लें.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को तीसरी बार पार्टी से निकाल दिया है. मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम लिखी चिट्ठी में रामगोपाल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की.
शनिवार को ही रामगोपाल यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी में वापस लिया गया था. इन दोनों को मुलायम सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी से छह साल से निकालने का ऐलान किया था. बता दें कि बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हों लेकिन कानूनन इसकी मान्यता नहीं है.
अखिलेश यादव के समर्थन में भले ही 200 से ज्यादा विधायक और भारी संख्या में समर्थक दिखाई दे रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में उनकी राह बिलकुल आसान नहीं होगी.
अगर वह अकेेले चुनाव लड़ेेंगे तो शिवपाल का गुट उनको तगड़ा नुकसान पहुंचाएगा. लेकिन वह कांग्रेस, आरएलडी के साथ गठबंधन करते है तो उनको 100 से 200 सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है ऐसी स्थिति में उनके समर्थक जिनको टिकट नहीं मिलेगा वह शिवपाल के साथ जा सकते हैं.