नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों
मुलायम सिंह यादव के दो बड़े फैसले जिनमें
अखिलेश यादव और रामगोपाल को अनुशासनहीनता की वजह से 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उस फैसले के महज 20 घंटे के बाद. पार्टी की आपसी कलह पर विराम लगाते हुए सुलह का ऐलान हो गया. लेकिन क्या मान लिया जाए कि ये ड्रामा खत्म हो गया.
अगर ये ड्रामा खत्म हुआ तो इसमें किसकी जीत हुई कौन हारा और किस पर गाज गिरेगी. ये सवाल बना हुआ है लेकिन सूत्रो से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक पार्टी में समझौते को लेकर अखिलेश अभी आश्वस्त नहीं है.
अखिलेश ने अपने समर्थक विधायक और मंत्रियों को कल होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन का इंतजार करने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश मान रहे हैं कि मुलायम और
शिवपाल यादव की तरफ से हुआ समझौता राष्ट्रीय अधिवेशन को रोकने के लिए हो सकता है.
कल यानी रविवार को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में
रामगोपाल यादव ने आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है. माना जा रहा है कि अखिलेश यहां आगे की रणनीति का ऐलान कर सकते हैं.बता दें कि
समाजवादी पार्टी के संविधान के मुताबिक पार्टी से जुड़ा अहम फैसला राष्ट्रीय अधिवेशन में बहमत से लिया जा सकता है.
दरअसल बीते तीन चार दिनों से जो ड्रामा चल रहा है उससे किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन अब तक जो हुआ. उसने अगर किसी एक शख्स को मजबूती दी तो वो है अखिलेश यादव. हमारा सवाल भी यही है कि क्या मुलायम की छाया से आगे निकल गए अखिलेश और अब अखिलेश का अगला कदम क्या होगा. इसी जवाब को हम तलाशने जा रहे है.