नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में सीट बटवारे को लेकर चल रहा घमासान आज सीएम अखिलेश और रामगोपाल के निष्कासन के साथ खत्म हुआ. मुलायम सिंह यादव ने दोनों को पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. आइए आपको बताते हैं अखिलेश यादव का कैसा रहा है अबतक का सियासी सफर, अखिलेश यादव ने साल 2000 में अपने सियासी सफर की शुरुआत की अखिलेश यादव ने साल 2000 में उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से पहली बार सिर्फ 26 वर्ष की उम्र में उपचुनाव जीता और लोकसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया. इस दौरान वो साल 2000 से 2001 तक खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण से संबंधी समिति के एक सदस्य भी रहे.
अखिलेश यादव साल 2004 में हुए आम चुनावों में दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए. इस दौरान वह शहरी विकास समिति, विभिन्न विभागों के लिए कंप्यूटर के प्रावधान पर एक कमेटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर समिति और पर्यावरण एवं वन संबंधी समिति के भी सदस्य रहे. अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाते हुए साल 2009 में हुए आम चुनावों में एक बार फिर जीत दर्ज की. 2009 से 2012 तक अखिलेश पर्यावरण एवं वन संबंधी समिति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक समिति और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर बनी जेपीसी के भी सदस्य रहे.
10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का नेता चुना गया.
अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली. इसके बाद 15 मार्च 2012 को अखिलेश ने सिर्फ 38 साल की उम्र में राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
3 मई 2012 को अखिलेश ने कन्नौज लोकसभी सीट से इस्तीफा दे दिया.
5 मई 2012 को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन गए.
30 दिसंबर 2016 को अखिलेश यादव को सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.