‘गरीबों का रघुराम राजन’ बनने की इच्छा जताने वाले विरल बने RBI के डिप्टी गवर्नर
‘गरीबों का रघुराम राजन’ बनने की इच्छा जताने वाले विरल बने RBI के डिप्टी गवर्नर
विरल आचार्य रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किए गए हैं. कैबिनेट ने बुधवार को उनके नाम पर मंजूरी दे दी. 42 साल के विरल 3 साल तक पद पर रहेंगे. अभी वह न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं.
December 29, 2016 12:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: विरल आचार्य रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किए गए हैं. कैबिनेट ने बुधवार को उनके नाम पर मंजूरी दे दी. 42 साल के विरल 3 साल तक पद पर रहेंगे. अभी वह न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं. सितंबर में उर्जित पटेल को आरबीआई गवर्नर बनने के बाद से डिप्टी गवर्नर का पद खाली था.
खुद को ‘गरीबों का रघुराम राजन’ बनने की इच्छा जताने वाले विरल ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मैं 2013 में डॉयचे बैंक के प्रोग्राम में जा रहा था. फ्लाइट में बैंकिंग से जुड़े कागज पढ़ रहा था तो एक यात्री ने पूछा- आप रघुराम राजन हैं? तब मुझे लगा कि अगर मैं राजन की तुलना में 5-10 फीसदी भी काबिल होता तो आसानी से गरीबों का राजन बन सकता हूं.’
विरल आरबीआई के पहले डिप्टी गवर्नर हैं जिन्होंने म्यूजिक एलबम भी तैयार किया है. उन्होंने 10 गाने कंपोज किए हैं. इन गानों से जो पैसे आते हैं, वह ‘प्रथम’ नाम की चैरिटी संस्था को देते है. यह संस्था बच्चों को पढ़ाने का काम करती है.
पिछले साल जून में विरल ने एक रिसर्च पेपर में भारत के सरकारी बैंकों की कमजोर हालत का विश्लेषण किया था. साथ ही कहा था कि इन बैंकों का निजीकरण होना चाहिए. बैंकों को सरकार की गारंटी और सब्सिडी खत्म हो.
विरल ने कहा था कि ‘बैड बैंक’ मॉडल विकसित होना चाहिए. बैंकों के एनपीए को इसमें ट्रांसफर किया जाए. बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए और रिस्ट्रक्चर्ड) 12 फीसदी तक पहुंच गए हैं. बैंकों की समस्या खत्म की जाए तो कर्ज सस्ता और आसान होगा. ऐसे में भारत की ग्रोथ रेट 10 फीसदी हो सकती है.