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2016 के वो भीषण हादसे, भारतीय रेल में चढ़ने से डर लगता है साहब!

2016 का आखिरी महिना चल रहा है और इसे खत्म होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं. इस साल देश में कई रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. हाल ही में कानपुरे के पास दो रेल हादसों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया.

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  • December 29, 2016 5:03 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: 2016 में भी रेल यात्री भीषण दुर्घटनाओं को झेलते रहे. रेल मंत्रालय ने सुरक्षा को लेकर बजट में कई वादे  किए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही थी.
यहां तक की कोहरे से हर साल होने वाली दुर्घटनाओं को टालने के लिए एक छोटा डिवाइस भी सभी ट्रेनों में नहीं लगाया जा सका. ट्रेनों का पटरी से उतरना भी इस साल जारी रहा है.
हाल ही में कानपुर के पास दो रेल हादसों ट्रेनों के पटरी से उतरने के कारण हुए. इस साल छोटी-बड़ी  12 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं जिसमें कई यात्री जान से हाथ धो बैठे तो कई बुरी तरह घायल हो गए. 
 
कब और कहां हुए हादसे
28 दिसंबर-
28 दिसंबर को कानपुर से दिल्ली आ रही अजमेर-सियालदेह एक्सप्रेस रूरा स्टेशन के पास सुबह करीब 5:30 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ट्रेन के 13 डब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 44 यात्री घायल हो गए थे.
 
 
20 नवंबर-
हाल ही में कानपुर के पास ही हुआ यह रेल हादसा इस साल का सबसे बुरा रेल हादसा था, जिसमें कानपुर के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस की 14 डब्बे पटरी से उतर गए और इसमें 140 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी. इस हादसे में 180 लोग घायल हो गए.
 
6 दिसंबर-
बिहार के राजेंद्र नगर से गुवाहाटी जाने वाली कैपिटल एक्सप्रेस उत्तरी बंगाल में पटरी से उतर गई थी जिसमें करीब 2 लोगों की मौत हो गई और 10 लोगों के घायल होने की खबर आई थी. 
 
 
5 अक्टूबर-
पुणे जाने वाली जम्मू तवी-पुणे झेलम एक्सप्रेस के 9 बोगी और एक पेंट्री कार के पटरी से उतर जाने की वजह से 3 लोग घायल हो गए थे.
 
30 सितंबर-
कटक के पास काठोजोडी स्टेशन पर भुवनेश्वर-भदरक पैसेंजर ट्रेन और गुड्स ट्रेन की आपस में टकरा गईं थी.  जिससे दो  कर्मचारियों की मौत हो गई थी. इस हादसे में करीब 27 लोग घायल हो गए थे. अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों  ही ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आने की वजह से टकरा गईं थीं.
 
 
20 सितंबर-
कोल्लम के पास स्थित करुणागाप्पल्ली स्टेशन पर गुड्स ट्रेन पटरी से उतर गई थी, जिसके कारण तिरुनंतपुरम और अर्नाकुलम के बीच रेल ट्रैफिक में रुकावट रही.
 
 
28 अगस्त-
कारुकुट्टी स्टेशन के पास तिरुअनंतपुरम-मैंगलोर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी.  हालांकि इस घटना में कोई नुकसान नहीं तरह का नुकसान नहीं हुआ. दुर्घटना के बाद बसों और ट्रेनों से यात्रियों को नजदीकी शहरों में पहुंचाया गया था.
 
26 जुलाई-
पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिना फाटक वाले रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूली वैन ट्रेन से टकरा गई थी. जिसमें 8 बच्चों की मौत हो गई थी.  सभी बच्चे 10 साल से कम ही थे.
 
 
19 मई 
19 मई को भारी बारिश के कारण बने लैंडस्लिप की वजह से असम जाने वाली कन्याकुमारी-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस नागरक्वाल के पास पटरी से उतर गई थी.  हालांकि इस दुर्घटना में किसी के मरने या घायल होने की कोई खबर नहीं आई थी. 
6 मई
पत्तबिरम के पास एक उपनगरीय ट्रेन से चेन्नई सेंट्रल- तिरुवनंतपुरम केंद्रीय सुपरफास्ट आपस में टकरा गई थी. इस हादसे में सात यात्री घायल हो गए थे.
1 मई
 उत्तर प्रदेश के हापुड़ के पास पुरानी दिल्ली-फैजाबाद एक्सप्रेस के 8 डब्बे पटरी से उतर गए थे. इसमें 12 यात्री घायल हो गए थे.
5 फरवरी-
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में कन्याकुमारी-बेंगलुरु के कई सारी बोगियां पटरी से उतर गई थी, जिसमें करीब 10 लोग घायल होने की खबर मिली थी.

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