नई दिल्ली : देश के जाने-माने कारोबारी रतन टाटा आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं. 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा का नाम देश के उन चुनिंदा लोगों में आता है जिन्होंने कारोबार के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल की.
देश का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह टाटा ग्रुप के वर्तमान अध्यक्ष रतन टाटा को देश का हर वो व्यक्ति जो व्यापार जगत में नाम कमाना चाहता है, अपना गुरु मानता है. जमशेदजी टाटा की ओर से स्थापित टाटा ग्रुप को उनके परिवार ने ऊंचाई के उस मुकाम पर पहुंचाया जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है.
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रतन टाटा का टाटा परिवार से खून का रिश्ता नहीं है. रतन टाटा के पिता नवल टाटा को सर रतनजी टाटा और उनकी पत्नी नवजबाई सेठ ने गोद लिया था. नवल टाटा और उनकी पत्नी रतन टाटा के बचपन में ही अलग हो गए थे.
रतन टाटा की स्कूल की पढ़ाई मुंबई से की फिर उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया. रतन टाटा ने साल 1962 में टाटा समूह के साथ काम करना शुरू किया. 1991 में जेआरडी टाटा के बाद रतन टाटा समूह के पांचवें अध्यक्ष बने.
रतन टाटा ने जहां अमीरों के लिए आरामदायक कारों को मार्केट में लाया तो वहीं उन्होंने आम आदमी की जरूरतों को भी ध्यान में रखा. रतन टाटा ने नैनो जैसी लाख रुपये में खरीदी जा सकने वाली कार बनाकर एक आम आदमी का कार खरीदने का सपना साकार किया. इंडिका जैसी कारों को भी उन्होंने मार्केट में लाया.
रतन टाटा को साल 2000 में पद्मभूषण और साल 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया जा चुका है. रतन टाटा जब समूह से जुड़े थे तब कंपनी का कुल कारोबार 10000 करोड़ रुपये था लेकिन अब कंपनी का राजस्व ही केवल 475.721 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. टोटल एसेट्स के मामले में टाटा संस रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी ज्यादा बड़ा ग्रुप है.