नई दिल्ली: देश में इन दिनों मंदिर-मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को लेकर व्यापक चर्चा चल रही है. भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने नासिक में शनि शिंगनापुर मंदिर में महिलाओं का प्रवेश कराके इस मुहीम की शुरूआत की थी.
इसके बाद मुंबई में हाजी अली दरगाह को महिलाओं के लिए खुलवाने के बाद केरल का सबरीमाला मंदिर भूमाता ब्रिगेड का अगला टार्गेट था. इस बीच केरल सरकार ने सोमवार को बयान जारी कर साफ कर दिया है कि वो सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देगी.
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. ये मंदिर त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अंतर्गत आता है. इस मसले पर सरकार का कहना है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और सरकार ने भी महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में अपना सुझाव दिया है.
सरकार के मुताबिक जबतक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तबतक महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. तृप्ति देसाई ने पिछले दिनों एलान किया था कि वो और उनके साथ करीब 100 महिालाओं का दल अगले महीने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करेगा.